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कांग्रेस ने निजी स्वार्थ हेतु कैसे एक साध्वी को झूठे केस में फसा कर बुरी तरह प्रताड़ित किया

प्रज्ञा सिंह ठाकुर का जन्म मध्यप्रदेश के भिंड जि...

6 years ago
कांग्रेस ने निजी स्वार्थ हेतु कैसे एक साध्वी को झूठे केस में फसा कर बुरी तरह प्रताड़ित किया

प्रज्ञा सिंह ठाकुर का जन्म मध्यप्रदेश के भिंड जिले के एक गांव में सामान्य परिवार में हुआ था। इनके पिता आरएसएस के स्वयंसेवक थे, जिसके कारण वह बचपन से हिंदुत्व की ओर प्रेरित रही और जिसके कारण उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तथा विश्व हिन्दू परिषद की महिला इकाई की दुर्गा वाहिनी की सदस्यता ग्रहण की । इसी दौरान वे अपने भाषणों से विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने लगी। साध्वी प्रज्ञा दुर्गा वाहिनी में लड़कियों को शस्त्र चलाने की शिक्षा देती थी और यह शिक्षा लड़कियों के आत्मरक्षा के लिए बहुत ही आवश्यक थी। स्वामी अवधेशानंद से प्रभावित होकर इन्होंने अपना जीवन अध्यात्म की और बढ़ा दिया और आज हम उन्हें साध्वी प्रज्ञा के नाम से जानते हैं।

क्या क्या आरोप थे साध्वी प्रज्ञा पर 

साध्वी प्रज्ञा पर कांग्रेस सरकार ने मालेगांव ब्लास्ट और सुनील जोशी के हत्याकांड के आरोप लगाए थे। इन आरोप को सिद्ध करने के लिए साध्वी प्रज्ञा को पर बड़े अरसे तक शारीरिक एवं मानसिक अत्याचार किये गए। 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को मध्यप्रदेश में बंद करने के लिए कांग्रेस सरकार ने इतना बड़ा षड्यंत्र रचा था जिसमे कई निर्दोष लोगो को कई सालों तक जेल में रहना पड़ा। मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी साध्वी प्रज्ञा इस वक्त जमानत पर बाहर है। हाल ही में हुए इंडिया टीवी के शो “आप की अदालत” में उन्होंने सवालों के जवाब भी दिए साथ ही उन्होंने उनके साथ हुए अत्याचारों के बारे में भी बताया। 

साध्वी प्रज्ञा ने इंटरव्यू में बताया की उन्हें एटीएस ने गिरफ्तार किया था। उन्हें एटीएस के पुरुष अधिकारियों द्वारा बड़ी बुरी तरह से प्रताड़ित किया था। उन्हें बेल्ट से मारा गया। एक साथ कई पुरुष अधिकारियों द्वारा उन्हें घेर कर बीच में खड़ा करके बुरी तरह से पीटा था। सभी पुरुष अधिकारी थक जाते थे तो आराम कर लेते थे पर उन्हें आराम करने नहीं दिया जाता था। साध्वी प्रज्ञा ने बताया कि वो तो मारते थे साथ ही उन्होंने मेरे शिष्य तक से मुझे पिटवाया, वो मुझे मार नहीं पता था तो ये अधिकारी खुद उसे मारकर बताते थे की इस तरह से मार। 

इस दौरान स्वामी अग्निवेश भी उनसे मिलने आये और उन्होंने यह कहा कि पी चिदंबरम और सुशील शिंदे उनके अच्छे मित्र है और मैं उनसे कह कर आपको जेल से मुक्त करवा दूंगा बस आप इन आरोपों को स्वीकार कर लीजिये। तब मैंने उनसे कहा कि अगर वास्तव में ये आपके मित्र है तो इन्हे जाकर कह दीजिये कि इस पूरे मामले कि निष्पक्ष जाँच करवा ले। 

मुझे गिरफ्तार करने का सिर्फ ये ही मकसद था कि “स्त्री को जब प्रताड़ित किया जाता है तो वह जल्द ही टूट जाती है” और इससे वह भगवा आतंकवाद को सिद्ध करने में सफल हो जायेंगे। 

“मैं संन्यासी हूं और मेरी आत्मा में जो राष्ट्रभक्ति है वो मेरी मां है, वहां तक मैं तुम्हें नहीं पहुंचने दूंगी” बस यही सोचकर उन्होंने इस विपदा का सामना किया।

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