v
1 मई सोमवार के दिन, भारत और तुर्की ने आतंकवाद के लग
1 मई सोमवार के दिन, भारत और तुर्की ने आतंकवाद के लगातार बढ़ते खतरे को साझा चिंता करार दिया। तुर्की के राष्ट्रपति की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई भी कारण या तर्क आतंकवाद को उचित नहीं ठहरा सकता है। इस तरह के कार्यो को पनाह एवं मदद करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
पाक के समर्थक देश तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आज भारत को अपने देश की तरफ से पूर्ण सहायता देने का वादा किया।
We had very productive meetings with PM @narendramodi during my visit to India. I thank him and the people of India for the warm welcome. pic.twitter.com/MDfelvxz7j
— Recep Tayyip Erdo?an (@RT_Erdogan) 1 May 2017
आपको बता दे कि तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैयब एर्दोगान भारत के दो दिन के दौरे (रविवार, सोमवार) पर आए थे। इस दौरन मोदी जी ने इनसे व्यापक चर्चा की और राजनीतिक एवं आर्थिक सहित द्विपक्षीय संबंधों के विस्तृत क्षेत्रों का जायजा लिया। मोदी जी ने एर्दोगान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि हम ऐसे समय में जी रहे हैं जहां हमारा समाज हर दिन नए खतरे एवं चुनौतियों से जूझ रहा है। दुनिया भर में कुछ मौजूदा एवं उभरती सुरक्षा चुनौतियों का संदर्भ एवं आकार हमारे लिए समान चिंता का विषय हैं।
PM @narendramodi & President @RT_Erdogan held extensive talks on enhancing India-Turkey ties including economic and cultural relations. pic.twitter.com/BuKeSRz3vt
— PMO India (@PMOIndia) 1 May 2017
मोदी ने पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों की तरफ साफ इशारा किया और कहा कि आतंकवादी नेटवर्क एवं उनके वित्तपोषण को रोकने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। इसके अलावा मोदी ने आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही पर रोक लगाने पर भी जोर दिया।
मोदी ने कहा;
"राष्ट्रपति (एर्दोगान) और मैं इस समस्या से प्रभावशाली तरीके से निपटने की खातिर हमारे द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय दोनों सहयोग को मजबूत करने के लिए साथ काम करने पर भी सहमत हुए."
एर्दोगान ने कहा;
"आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनका देश हमेशा भारत के साथ रहेगा और आतंकियों को उनके ही बहाए खून में डूबो दिया जाएगा।"
आपको बता दे कि भारत की यात्रा से पहले एर्दोगान ने क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए एक बहुपक्षीय वार्ता की वकालत की थी।
16 अप्रैल के दिन तुर्की में हुए जनमत संग्रह में एर्दोगान (5.1-7) ने जीत हासिल की है। इसके बाद से एर्दोगान ने अपना कूटनीतिक दायरा बढ़ाना शुरू किया है, जिसके तहत वह भारत दौरे पर आए थे। उन्होंने विओन समाचार चैनल से एक साक्षात्कार में कहा "हमें (कश्मीर में) और लोगों को हताहत नहीं होने देना चाहिए. बहुपक्षीय वार्ता करके (जिसमें हम शामिल हो सकें), हम इस मुद्दे का एक बार में हमेशा के लिए समाधान करने की कोशिश कर सकते हैं।"
जबसे योगी आदित्यनाथ कि
7 years ago
Still Unfold
आपने हमेशा सोनू निगम को अपनी आवाज को लेकर चर्चा म
7 years ago
Still Unfold
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की...
6 years ago
Still Unfold