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खुद को मुसलमानो का भगवान कहने वाले आजम खान का सच &n...
खुद को मुसलमानो का भगवान कहने वाले आजम खान का सच आज एक-एक करके सबके सामने आ रहा है। वीडियो में आप खुद देखिये की उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलो के मंत्री मौसम रजा सुनी वफ्फ बोर्ड के दफ्तर में थे। उनके हाथ में आपको कुछ अधजली फाइल्स नजर आएँगी, वो अफसरों से कह रहे थे कि आपने कोई बहुत बड़ा घोटाला छुपाने की कोशिश की है।
रिपोर्टर अमित प्रकाश ने हर कसौटी को कसने के बाद यह रिपोर्ट्स सौंपी है। इनमे आजम खान के सारे करतूतों का सच है। जमीनों पर कब्ज़ा हुआ, लोगो के घर उजाड़े गए, यतीम खानो को हड़प लिया गया। ज़ी टीवी के संवादाताओं ने सारे मामलो में जाँच पड़ताल कर और पीड़ितों से बात करके रिपोट्स पहुंचाई है।
आजम खान ने यतीमखाने की 10 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया और अब उस जमीन पर वे निजी स्कूल बनवा रहे है। रिपोर्टर्स से जानिए यही रहने वाली एक पीड़िता का बयान
एक बुजुर्ग महिला करीब 16 महीने पहले यतीमखाने की जमीन पर अपने छोटे से आशियाने में रहती थी। आजम खान ने रातो रात इस जमीन पर कब्ज़ा कर लिया, जिसके चलते 42 परिवार सड़क पर आ गए।
पीड़िता ने कहा कि आजम खान तू मुसलमान नहीं है, तू मुसलमान नहीं है। उन्होंने बताया कि वो लोग पुरे इंतजाम से आये, सारे घर तुड़वा दिए। हम कहा जाते, सड़क पर आ गए थे, किसके घर जाते, कौन खुश रखता, इतनी रात में हमें निकाल दिए। रामपुर की मुस्लिम महिला का यह दर्द, तकलीफ और यह बद्दुआ यह बयां करती है कि क्या हुआ होगा।
जिस यतीमखाने की जमीन की हम बात कर रहे है वो वफ्फ नंबर 157 पर मौजूद है। 4 अक्टूबर 2013 की रात को यतीमखाने पर कब्ज़ा किया था। वहां रहने वाले जितने भी लोग थे उन्हें आधी रात को वहा से हटा दिया गया, सारे घरो पर बुलडोजर चलाये गए। रहने वाले लोगो में महिलाये और बच्चे भी शामिल थे सभी को थाने पहुंचाया गए। पुलिसवालों ने उन लोगो के साथ जानवरो की तरह सलूक किया।
आजम ने गैर क़ानूनी तरीके से यतीमखाने की जमीन पर कब्ज़ा किया। भले ही लोगो के घर बेघर हो गए, लेकिन स्कूल की दीवारे ऊँची होती जा रही है। 50 करोड़ की जमीन पर कब्ज़ा किया गया है।
आजम खान ने 50 करोड़ की यतीमखाने की सम्पति पर कब्ज़ा किया। इसके लिए इन्होने कागजो पर हेरफेर किया, यहाँ तक की नियमो को भी अपने हिसाब से बदल दिया गया। आइये जाने यतीमखाने से बेघर हुए कई पीड़ितों में से एक और पीड़ित का बयान-
पीड़ित का नाम: पीर बक्श
पीर बक्श ने कहा कि उनकी सरकार थी, तो उन्होंने जो चाहा वो किया। इस जगह का पैसा यतीमख़ानों को जाना था, क्योंकि नवाब रामपुर ने कहा था कि इसका जो पैसा है वो उनकी औलाद नहीं लेगी। अँधा कानून चल रहा है, हम यहाँ थे नहीं फिर भी हमारे ऊपर झूठी रिपोर्ट दर्ज की गयी।
नियमो के अनुसार वफ्फ की उस जगह पर एजुकेशन काम्प्लेक्स बनाना गैर क़ानूनी है। इसके बावजूद भी एक्ट 1995 का उल्लघन कर स्कूल बनवाया गया। अपने कामो के लिए करोड़ो की जमीन आजम ने मात्र 1 रूपये सालाना लीज पर हथियाई।
आजम का कहना है कि वक्फ़ की जमीन का इससे बेहतर इस्तेमाल क्या हो सकता है। यहाँ लड़कियों के लिए स्कूल बन रहा है, यह हाई कोर्ट की रूलिंग का कहना है।
इसके अलावा उन्होंने कहा, हमने 200 दुकाने बनवाली और हमें मालूम भी नहीं कहा है वो दुकाने, किसी जायदाद पर हमारा कोई ज्याति अधिकार नहीं है।
हालाँकि, योगिराज ने आजम खान पर वफ्फ बोर्ड की अरोबो की संपत्ति कब्जाने के आरोपों की जांच के निर्देश दे दिए है। जिसके बाद लोगों में इंसाफ की उम्मीद भी जगी है।
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