ओलंपिक 2020 के पदक दान की धातुओं के पुनर्नवीनीकरण से बनाये जाएंगे

2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक को ध्यान में रखकर इसके आयोजकों ने एक नई पहल की शुरुआत करते हुए, जापान की जनता से पुराने स्मार्टफोन्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जो अब उपयोगी नहीं है।

7 years ago
ओलंपिक 2020 के पदक दान की धातुओं के पुनर्नवीनीकरण से बनाये जाएंगे

2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक को ध्यान में रखकर इसके आयोजकों ने एक नई पहल की शुरुआत करते हुए, जापान की जनता से पुराने स्मार्टफोन्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जो अब उपयोगी नहीं है। उन्हें दान करने की अपील की है। दरअसल, 2020 ओलंपिक में जो पदक बनाये जायेंगे, वो दान की हुई धातुओं को रीसायकल कर बनाये जायेंगे। उन्होंने इस बात की पुष्टि कर दी है।     

2020 के ओलंपिक को पर्यावरण के अनुकूल रंग से जोड़ने के लिए टोक्यो ओलंपिक आयोजन समिति द्वारा एक अनोखा प्रयास किया जा रहा है। समिति का टारगेट आठ टन धातु इकट्ठा करना है, जिसमें 40 किलो सोना, 2,920 किलो चांदी और 2994 किलो काँसा शामिल है। इन दान की हुई धातुओं का प्रयोग, 5000 ओलंपिक और पैरालम्पिक पदक बनाने में किया जाएगा।

जापान स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए और लागत बचाने के इस प्रकार का प्रयास कर रहा है। इस इवेंट की प्रारंभिक अनुमान राशि  अधिक 3 खरब येन (26.5 अरब $) से अधिक है, जो बाद में पिछले साल 16.8 अरब $ कम हो गया था।

पुनर्नवीनीकरण सामग्री पिछले साल भी ओलंपिक पदक में इस्तेमाल किया गया है। उदाहरण के लिए पिछले साल हुए रियो ओलंपिक में जहां रजत और कांस्य पदक 30 प्रतिशत पुनर्नवीनीकरण सामग्री से बनाये गए थे।

2020 में होने वाले इवेंट के खेल निदेशक, कोजी मुरोफिशी ने कहा-

"There's quite a limit on the resources of our earth, and so recycling these things and giving them a new use will make us all think about the environment."

वह 2004 के एथेंस ओलंपिक हैमर थ्रो में स्वर्ण पदक विजेता रहे है।

उन्होंने कहा जो भी बच्चे इन पदक को बनाने में अपना योगदान देतें है। वो इसका हिस्सा बन पर्यावरण को बचाने और उसकी सुरक्षा का कारण बनते है।  

मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों के अलावा, ई-वेस्ट जैसे लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और खेल इकाइयों को भी दान किया जा सकता है। इसके लिए अप्रैल माह में ही स्थानीय कार्यालयों और दूरसंचार कंपनी एनटीटी डोकोमो आईएनसी के स्टोर्स पर स्थापित कर दिए गए है। यह फर्म इस प्रोजेक्ट के लिए जापान एनवायर्नमेंटल सैनिटेशन सेंटर की पार्टनर है।

संग्रह के बाद आठ टन धातु को इकट्ठा किया जाता है और यह तब तक करते है जब तक यह पूरी तरह से खत्म न हो जाये। आयोजक अभी भी यह काम कर रहे हैं।


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