रविवार को MBBS और BDS में प्रवेश के लिए देश भर में परीक्षा थी। यहाँ एग्जाम देने आये लोगो के कैंडिडेट के साथ बत्तमीजी का मामला सामने आया है।
रविवार 7 मई को MBBS और BDS में प्रवेश की परीक्षा हुई। इस परीक्षा में 11 लाख से ज्यादा छात्रों ने देश भर के 1900 केंद्रों पर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में हिस्सा लिया। लेकिन जब यह एनईईटी का एग्जाम देने पहुंचे तो इनका स्वागत केंची के साथ किया गया।
दरअसल, कई कैंडिडेट्स फुल स्लीव्स वाली शर्टों में एग्जाम देने पहुंचे थे जो गाइडलाइन्स के खिलाफ था। ऐसे में अधिकारियों ने उन लोगो के कपड़ों पर कैंची चला दी। एनईईटी के ड्रेस कोड को ध्यान में रखते हुए पहले उन कैंडिडेट्स की स्लीव्स को काटकर छोटा किया गया, उसके बाद एग्जाम देने दिया।
इस मामले को लेकर कुछ पैरंट्स का कहना है कि उन्हें इन नियमों की जानकारी नहीं थी। इस पर अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में पहले ही सर्कुलर जारी कर जानकारी दी गयी थी इसलिए कैंडिडेट्स को इसका ध्यान रखना चाहिए था।
गुजरात के सूरत में छात्रा को पहले फुल स्लीव कुर्ता पहनने के कारण परीक्षा में बैठने से रोका जा रहा था किन्तु बाद में कुर्ते की बाजू को काटकर छोटी की गयी, फिर उसे एग्जाम देने दी। लेकिन मामला केवल स्लीव काटने तक नहीं था, छात्राओं के कुर्ते के बाजू पुरुषों द्वारा काटे गए थे।
वही दूसरी छात्रा ने भी आरोप लगाया कि उसके जींस में मेटल बटन और पॉकेट होने की वजह से उसे परीक्षा में नहीं बैठने तक नहीं दिया गया। उनके पिता से जब यह पूछा गया कि उन्होंने इसके खिलाफ शिकायत क्यों नहीं दर्ज की। इस पर उनका कहना था की आज की रविवार के दिन हों के कारण कोई शिकायत नहीं की गयी है, कल सोमवार के दिन सीबीएसई के खुलते ही वे शिकायत दर्ज करवाएँगे। ये दोनों ही शिकायत एक ही एग्जाम सेंटर से आई हैं।
इसके अलावा केरल के कन्नूर में अलग ही मामला सुनने में आया है। NEET (6.1-8) की परीक्षा देने पहुंची छात्राओ का आरोप है कि परीक्षा से पहले जांच के नाम पर उनसे जबरन अंडर गार्मेंट्स उतारने को कहा गया। वहीं परीक्षा देने आई एक छात्रा की मां ने बताया कि परीक्षा सेंटर पर प्रवेश के बाद उनकी बेटी उन्हें अपना इनरवियर देने आई तथा कहा कि चेकिंग के दौरान उनके अंतवस्त्रों को उतारने का आदेश दिया गया।
इस घटना को शर्मनाक बताते हुए सभी ने इसकी कड़ी निंदा की है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इसका विरोध कर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की छात्राओं के साथ इस तरह की हरकत करना शर्मनाक है।