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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आजकल नए नए
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आजकल नए नए कीर्तिमान गढ़ रही है। चाहे चाँद पर सफलता से अंतरिक्ष यान भेजना हो या फिर एक साथ 100 से भी ज्यादा उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करना हो हर कार्य में इसरो ने सफलता हासिल की है और अंतरिक्ष अनुसंधान में विश्व की अग्रणी कम्पनी बन कर सामने आई है।
इसी कड़ी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कल यानी रविवार को विकास नाम के एक इंजन का सफल प्रक्षेपण किया है। यह एक सफल जमीनी परीक्षण था जिसमे विकास इंजन के उच्च प्रणोदन संस्करण का परिक्षण किया गया। बता दें की इस इंजन की सफलता के बाद अब इसरो के प्रक्षेपण यानों की भार की क्षमता में और ज्यादा सुधार देखने को मिलेगा। इसरो ने इस बारे में अपनी वेबसाइट पर भी यह बताया है कि तमिलनाडु में तिरुनेलवेली जिले में स्थित महेंद्रगिरि में इसरो प्रणोदन परिसर (आईपीआरसी) में मौजूद इसरो के वैज्ञानिकों ने कुल 195 सेंकेंड में इस परीक्षण में सफलता प्राप्त किया।
दरअसल विकास इंजन इसरो के पुराने भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएल को उसके दूसरे चरण में संचालन शक्ति प्रदान करने में उपयोग आने वाला एक द्रव रॉकेट इंजन है। इसरो ने इस बाबत बताया, ‘विकास इंजन का उच्च प्रणोदन संस्करण आईपीआरसी में 195 सेंकेड के जमीनी परीक्षण के दौरान कसौटी पर खरा उतरा।’
इस बारे में इसरो ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंड से ट्वीट कर के पूरे देश को इस सफलता से अवगत करवाया है।
Successful Qualification of High Thrust Vikas Enginehttps://t.co/AnTDuAwtfW
— ISRO (@isro) July 15, 2018
इसरो अपने मंगलयान प्रोग्राम पर भी बड़ी तेजी से काम कर रहा है और वैज्ञानिकों का कहना है की चंद्रयान की सफलता की तरह हीं हम मंगलयान में भी सफलता की प्राप्ति करेंगे।
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