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भारतीय शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन में गि
भारतीय शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन वहां से बाद में उन्हें जमानत भी मिल गयी। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि माल्या पर इंडियन बैंकों से 9000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज ना चुकाने का आरोप है। इसलिए भारत सरकार ने उन्हें भगोड़ा भी घोषित कर रखा है।
माल्या को भारत-ब्रिटेन के बीच हुई संधि के तहत गिरफ्तार किया गया था। स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस का कहना है कि माल्या के गिरफ्तारी का कारण भारत के अधिकारियों का अनुरोध है।
जमानत मिलते ही माल्या ने अपने ट्वीटर से एक ट्वीट किया:-
भारतीय मीडिया ने सब कुछ बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। कोर्ट में पेशी को लेकर उन्होंने कहा कि सामान्य प्रत्यर्पण की प्रक्रिया थी, इसे वे लड़ना जारी रखेंगे।
Usual Indian media hype. Extradition hearing in Court started today as expected.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) April 18, 2017
माल्या ने अपनी कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज को दुनिया की सबसे बड़े शराब कंपनी डियाजियो को बेच दिया था। इसके बाद उन पर आरोप लगा कि उन्होंने 7000 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है। दरहसल जब डियाजियो ने कंपनी के फाइनेंस की जांच हुई उसके बाद सरकारी बैंकों को पता पड़ा कि माल्या की इस हेराफेरी का असली नुकसान दरअसल उन्हें हुआ है।
आपको बता दे कि माल्या ने अपनी दूसरी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए यूनाइटेड ब्रेवरीज की गारंटी पर कई बैंकों से पैसे उठाए थे। जबकि माल्या ने डियाजियो के हाथ यूनाइटेड ब्रेवरीज को बेच दिया था।
जैसे ही माल्या कि गिरफ्तारी हुई, इसके बाद सभी का ध्यान इस बात पर था कि क्या मोदी सरकार माल्या को भारत ला पाएगी। यहाँ तक की माल्या के देश छोड़ने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना भी साधा था। सरकार ने ऐलान किया था कि माल्या को वापस लाया जाएगा।
माल्या की लंदन में गिरफ्तारी के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने कहा है कि किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा, सरकार भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सख्त है।
आपको बता दे कि पिछले साल दो मार्च को माल्या ब्रिटेन चले गए थे। उनके वहा जाने के कुछ दिन बाद ही उच्चतम न्यायालय ने माल्या को अपने पासपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से 30 मार्च, 2016 को पेश होने को कहा था। भारत ने इस साल आठ फरवरी को औपचारिक तौर पर ब्रिटेन सरकार को भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत माल्या के प्रत्यर्पण का औपचारिक आग्रह किया था।
ललित मोदी (3.1-2) भी माल्या की ही तरह लंदन में हैं। गौरबतल है कि मोदी पर आईपीएल में करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। माल्या और मोदी दोनों पर आर्थिक अपराध के मामले चल रहे हैं। लेकिन 2010 से आज तक मोदी के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं हो पाया है।
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