v
मध्यप्रदेश में विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू ह
मध्यप्रदेश में विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। यह सत्र 27 नवंबर 2017 से शुरू होने से ही पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। उन्होंने प्रदेश में नाबालिग लड़कियों से रेप के मामले में एक बड़ा फैसला लिया है।
कानून में कुछ बदलवा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार के दिन अपनी कैबिनेट मीटिंग की बैठक में यह फैसला लिया है कि प्रदेश में 12 साल से कम उम्र की नाबालिग लड़कियों के साथ रेप करने वाले आरोपी को फांसी की सजा दी जाएगी। इस फैसले के बाद मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। जहां रेप के आरोपी को फांसी की सजा का प्रावधान शुरू हुआ है।
???? @ChouhanShivraj ?? ????????? ??? ??? ??????? ?? ???? ??? '?? ??????? ??????' ?? ???????? ?? ??? ????? 12 ??? ?? ???? ?? ??? ?? ???????? ?? ??? ?? ??????? ?? ????? ?? ????? ?? ?????? ?????
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) November 26, 2017
उन्होंने कहा, 'हम इस मामले में वर्तमान कानून में यह संशोधन करने वाला विधेयक विधानसभा के कल से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में पेश करने जा रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'हमने भादंवि की धारा 376 (बलात्कार) और 376 डी (सामूहिक बलात्कार) में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। दोनों धाराओं में दोषी को फांसी की सजा देने का प्रावधान शामिल किया गया है।' उन्होंने इससे अधिक जानकारी देने से इंकार किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मत्रिमंडल ने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उन्हें घूरने जैसे मामले में दोषियों को सजा के साथ एक लाख रूपये के जुर्माने का कानून में प्रावधान करने का भी प्रस्ताव मंजूर किया है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (5.1-2) मत्रिमंडल ने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उन्हें घूरने जैसे मामले में दोषियों को सजा के साथ एक लाख रूपये के जुर्माने का कानून में प्रावधान करने का भी प्रस्ताव मंजूर किया है।
पिछले कुछ समय से प्रदेश में बड़ रही रेप की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सर्कार ने यह निर्णय लिया है। बीते कुछ माह पहले मध्यप्रदेश में एक ऐसी ही घटना हुई थी। पीड़ित लड़की सिविल सर्विस की क्लास से अपने घर को लौट रही थी। उसी दौरान कुछ लड़को ने लड़की को अपनी दरिंदगी का शिकार बना लिया था। यह घटना लड़की के साथ 31 अक्टूबर 2017 की शाम को हुई।
यह लड़की हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास से अस्थायी रास्ते से होते हुए अपने घर जा रही थी। तभी कुछ लड़के, लड़की को रेलवे ट्रैक के पास झाड़ियों में ले गए और उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया। इस घटना के बाद जब वह लड़की अपने घर पहुंची। तब परिवार के लोग इस मामले को लेकर पुलिस स्टेशन रिपोर्ट करने पहुंचे थे। मगर एक पुलिस अधिकारी ने उनको यह कहा कि यह केस हबीबगंज पुलिस स्टेशन का है। पीड़ित लड़की और उसका परिवार एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के चक्कर काटता रहा, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की।
सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने रिपोर्ट को लिखने में हीला-हवाली की थी। इसके चलते पीड़ित लड़की और उसके परिवार के सदस्य दो दिन तक पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाते रहे। जब यह मामला मीडिया के सामने आया तो उसके बाद प्रदेश सरकार अपनी हरकत में आई थी।
इस केस के चलते विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर जांच की शुरुआत की गईँ। इस मामले में तीन पुलिस थाना प्रभारी और दो सब इंस्पेक्टर को निलंबित भी किया गया था, क्योंकि इन लोगों ने समय रहते रिपोर्ट लिखने में ढील दी थी।
जबसे योगी आदित्यनाथ कि
7 years ago
Still Unfold
आपने हमेशा सोनू निगम को अपनी आवाज को लेकर चर्चा म
7 years ago
Still Unfold
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की...
7 years ago
Still Unfold