इंसान हो या जानवर सभी प्रकृति का हिस्सा है। लेकिन इंसान हमेशा से ही उनके साथ निर्दयता का व्यव्हार करता आया है।
इंसान हो या जानवर सभी प्रकृति का हिस्सा है। लेकिन इंसान हमेशा से ही उनके साथ निर्दयता का व्यव्हार करता आया है। वो जानवरों को अपने मनोरंजन की वस्तु समझता है। वो यह नहीं समझता है कि जिस तरह हमें चोट लगने पर दर्द होता है, उसी तरह जानवरों को भी दर्द होता है। ये अलग बात है कि इंसान अपना दर्द बयां कर सकता है, परन्तु जानवर तो ऐसा भी नहीं कर सकते हैI
आज हम आपको कुछ ऐसे दृश्य दिखाने वाले हैI जिनमें हमारी तरह दिखने वाले कुछ लोगों ने जानवरों को भी अपनी बर्बरता का शिकार बनाया हैI जिन्हें देखने के बाद आपके मन में भी यही सवाल उठेगा कि क्या हम इंसान है?
हाल ही में एक वीडियो सामने आया है। जिसमें एक बन्दर शांति से बैठकर खाना खा रहा था। तभी कुछ बदमाश और सिरफिरे लोगों को यह देखकर अच्छा नहीं लगा और उन्होंने बन्दर को खाने के लिए बम दे दिया। बन्दर ने भी इसे खाना समझ कर हाँथ में ले लिया और इसे खोलने की कोशिश करने लगा। तभी अचानक वो बम उसके हाँथ में ही फट गया।
वीडियो में आप देख सकते है कि उसके हाँथ में किस तरह से चोटे आयी है। अब यह जानवर न तो किसी से इसकी शिकायत कर सकता है और न ही खुद का इलाज करा सकता है। लेकिन ये हरकत सोचने पर हमें मजबूर करती है कि क्या हम इंसान है? क्या यही हमारी इंसानियत है?
अक्सर देखा जाता है कि गली या मौहल्ले में बैठे कुत्ते या अन्य जानवरों के साथ कई लोग निर्दयता का व्यवहार करते है। वो लोग बिना किसी कारण के उन्हें पत्थर या डंडा मारते है या फिर कुछ लोग उन पर रंग या पेंट फेक देते है। वो यह नहीं समझते कि पेंट और रंगो में कई प्रकार के केमिकल्स होते है, जो जानवरों के लिए हानिकारक हो सकते है।
कुछ लोग तो सड़क पर चलते हुए यह भी नहीं देखते की रास्ते में कोई जानवर आ गया है। जल्दी जाने के चककर में उसे भी कुचल कर चले जाते है। ऐसे वाकिये अपने भी कई आँखों से देखें होंगे।
चिड़िया घर में लोग जानवरों को देखने जाते है, लेकिन वहां पर भी ये लोग उनको शांति से नहीं रहने देते। खाने में गलत चीजे फेक देते है या उन्हें पिंजरे में बंद होने के कारण चिढ़ाते भी है। उनको ऐसा करने में क्या मिलता है या फिर क्या मजा आता है पता नहीं? मजा लेने के तो बहुत सारे तरीके होते है। फिर भी लोग ये तरीका क्यों चुनते है ये तो वही लोग बता सकते है।
माना कि गायों को खाना खिलाने से पुण्य मिलता है, इसलिए लोग उनको खाना देते है। परन्तु आज कल लोग खाना उनको प्लास्टिक बैग में ही दे देते है। जिससे गाय उसे भी खाना समझ कर खा जाती है और उससे फिर उन्हें कई तरह की बीमारियां हो जाती है।
ऐसी घटनाएं दोबारा न हो इसलिए आइये प्राण करें कि अगर आपके आस पास भी कोई इस तरह की हरकत कर रहा है तो उसे रोके, क्योंकि जानवरों की रक्षा करना हमारा भी कर्तव्य है। तभी जानवर सुरक्षित रह पाएंगे। एक तरफ गौ रक्षा (6.3-9) के अभियान चलाये जाते है दूसरी और उनके साथ दुर्व्यहार किया जाता है।
जैसे आम मनोरंजक फिल्मों का बड़ा उद्योग होता है वैसे ही पोर्न फिल्मों की भी अपनी एक अलग ही दुनिया होती है
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दुनिया में अगर कोई व्यक्ति ऐसा कहे कि वह लड़कियों को बहुत अच्छे से समझता है।
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