अमेरिका ने आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने के लिए अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया है। आपको बता दें कि गुरुवार, 13 अप्रैल के दिन अमेरिका ने अफगानिस्तान पर अपना सबसे बड़ा परमाणु बम गिरा दिया। यह बम आतंकी संगठन ISIS के ठिकानों को निशाना बनाकर अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में गिराया गया है।
इस बम की बात करे तो यह एक विशाल GBU-43 बम है जिसका वजन 10000 किलो है। पेंटागन के प्रवक्ता ने जानकारी सेट हुए कहा कि पहली बार इस बम का प्रयोग किया गया है और इसे MC-130 एयरक्राफ्ट से गिराया गया है। इसे 'मदर ऑफ ऑल बम' कहा जाता है। इस बम की कीमत 130 करोड़ रूपए है और जहा यह गिरता है वहा 1.5 मील तक सब तबाह हो जाता है। यह दुनिया का पहला जीपीएस निर्देशित बम है। इस बम में 8164 विस्फोटक भरा गया था।
अमेरिका के पीएम डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान में बम गिराए जाने की अनुमति दी थी और यह अभियान अत्यंत सफल रहा। व्हाइट हाउस में ट्रम्प ने कहा "यह वास्तव में एक सफल अभियान रहा। हमें हमारी सेना पर गर्व है।"
आपको बता दे कि 2015 के चुनाव अभियान के दौरान ही ट्रम्प ने यह बात कही थी कि यदि में राष्ट्रपति बना तो आईएसआईएस (1.2-3) आतंकवादियों पर बम गिरा दूंगा।
अफगानिस्तान के जिस इलाके में यह बम गिराया, वह पाकिस्तान सीमा के नजदीक है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस बम से कितने आतंकी मारे गए है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने कहा कि हमने ISIS के आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सुरंगों और खोहों को निशाना बनाया और इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि इससे आम नागरिकों और उनकी संपत्तियों को कोई नुकसान न पहुंचे।