आजम खान के हाथ सिर्फ कब्रिस्तान की मिटटी चुराने तक ही नहीं गए है, बल्कि उन्होंने ईदगाह की जमीन पर भी कब्ज़ा किया है।
रामपुर से 20 किलोमीटर ईदगाह की जमीन है। इस जमीन पर हर हफ्ते बाजार लगता था। सैकड़ो गरीबो की दुकाने लगती थी और सालाना 8 लाख से ज्यादा की कमाई वफ्फ बोर्ड को होती है। लेकिन इस जमीन पर भी आजम ने कब्ज़ा कर लिया और अब यहाँ आजम अपना निजी स्कूल बनवा रहे है।
आपको बता दे कि अखिलेश सरकार के दौरान आजम खान वफ्फ मंत्री थे। उन्होंने सुन्नी बोर्ड का चैयरमेन अपने विश्वास पात्र जफ़र फारुकी को बनाया और शिया वफ्फ बोर्ड का चैयरमेन वसीम रिजवी को बनाया इन दोनों को पद पर बिठाने के बाद उत्तर प्रदेश में वफ्फ की जितनी भी प्रॉपर्टी है खासकर के रामपुर की उन सबका भरपूर इस्तेमाल किया।
एक शिकायत करता ने ज़ी न्यूज़ को बताया कि रामपुर स्तिथ वफ्फ नंबर 72 पर मस्जिद कोने की जगह थी और इससे वफ्फ बोर्ड को जो भी कमाई होती थी उससे मस्जिद की रखवाली होती थी। वहा के दुकानदारों को साल 2012 से परेशान किया जा रहा था। उस समय के मुत्त्वली ने कोर्ट से इस मामले में स्टे हासिल किया। इसके बावजूद लोगो को लगातार परेशान किया गया।
इस जमीन को भी आजम खान ने सालाना 1 रूपए के हिसाब से 30 साल के लिए लीज पर ले लिया। यहाँ पर आजम अपना निजी स्कूल बना रहे है। ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट में आजम द्वारा 30 साल के जमा किये गए 30 रूपए की राशिद को भी बताया गया है। इस प्रॉपर्टी से वफ्फ बॉर्ड को सालाना 87500 रूपए की आय होती थी।
वफ्फ बोर्ड की कॉउंसलिंग रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उस समय वफ्फ मंत्री आजम खान के दबाव में गैरकानूनी तरीके से एक सहायक सचिव की नियुक्ति भी हुई थी और फिर ईदगाह की जमीन को 30 साल के लिए ले लिया गया।
शिकायत करता के मुताबित जिन्होंने आजम खान पर आवाज उठाई गयी उन्हें या तो डराया धमकाया गया या फिर पुलिस प्रशासन का इस्तेमाल कर अंदर डाल दिया गया।
शिकायत करता का यह भी कहना है कि आजम खान ने ऐसे बहुत से घोटाले किये। अगर रामपुर के अंदर आप घूम के देखोगे तो कितनी ही ऐसी प्रॉपर्टी है, जिसपर आजम ने कब्ज़ा कर लिया है।
ओरिएण्टल स्कूल रामपुर में बहुत बड़ी स्कूल है। जो करीब करीब 100 करोड़ की प्रॉपर्टी है। रामपुर शहर के बीचो बीच उसे जोहर ट्रस्ट के नाम करवा लिया गया। उस प्रॉपर्टी में अरबी फ़ारसी बोर्ड का एक मदरसा चालू होना था।