इंदौर पुलिस की पहल पर सिल्वर कार्ड से बुजुर्गों को दी जा रही है सुरक्षा और सहायता

अक्सर देखा ज्यादा है बड़े शहरों में बुजुर्गों के साथ कई तरह के अपराध या घटनाएँ घट जाते हैं और उन्हें समय रहते मदद नहीं मिल पाती है। बुजुर्गों के बच्चे देश से बाहर रहते हैं और ये उनके बिना यहाँ अकेले अपना समय बिताते हैं। ऐसे बुजुर्गों की मदद के लिए इंदौर की पुलिस ने एक अच्छी व्यवस्था की है। इंदौर की पुलिस ने पूरे इंदौर शहर के करीब 19 हजार से भी अधिक बुजुर्गों को ना केवल प्रोटेक्शन दिया है बल्कि उनके हेल्थ और अन्य आवश्यक जरूरतों का भी ध्यान रख रही है।

इंदौर पुलिस ने इसके लिए सभी बुजुर्गों को एक सिल्वर कार्ड दिया है जिसे दिखा कर जरुरत पड़ने पर बुजुर्ग मदद पा सकते हैं। इसके लिए पुलिस ने इंदौर के 58 दवा दूकान, 20 पैथाेलॉजी लैब, 71 प्रमुख हॉस्पिटल, 11 गिफ्ट, कपड़ा और फुटवेयर शो-रूम के संचालकों को जोड़ा है। इन जगहों पर सिल्वर कार्डधारी सभी सीनियर सिटीजनों को 10 से 60% तक छूट दी जाती है। इससे शहर के सीनियर सिटीजन ना ही अपने आप को अकेला समझते हैं और ना ही उनमें किसी प्रकार का असुरक्षा का भाव आता है।

बुजुर्गों को मिल रही है सिल्वर कार्ड की सुविधाएँ 

65 साल के सुरेश खंडेलवाल शहर के तलावली चांदा ड्रीम सिटी में अपनी 62 वर्षीय पत्नी कविता खंडेलवाल के साथ रहते हैं। इनके तीन बेटे हैं पर सभी बाहर रहते हैं। सुरेश खंडेलवाल ने भी पुलिस से ये सिल्वर कार्ड बनवाया है। कुछ दिन पहले जब खंडेलवाल अपनी हार्ट प्रॉब्लम का उपचार कराने बेंगलुरु गए थे तब सिल्वर कार्ड दिखाने पर उन्हें चेक-इन में ज्यादा समय नहीं लगाने दिया गया और जल्दी प्लेन तक पहुंचा दिया गया। खंडेलवाल जी ने बताया की एक बार जब रात के 2 बजे उन्हें दिल में दर्द उठा तो सिल्वर कार्ड के इमरजेंसी नंबर पर कॉल किया। इस कॉल के कारण नगर सुरक्षा समिति के मेंबर तुरंत घर पहुंच गए और उन्हें तुरंत अस्पताल तक ले गए थे।

कौन बना सकते हैं सिल्वर कार्ड 

बता दें की शहर के 60 वर्ष से ऊपर के वृद्ध लोगों के लिए ये सिल्वर कार्ड फ्री में बनाए जाते हैं। इस कार्ड में आयु, नाम, पता, आधार कार्ड आदि कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ देखे जाते हैं। इंदौर पुलिस ने शहर के हीं कुछ डॉक्टरों, अस्पतालों, मेडिकल स्टोर, शोरूम संचालकों से इसके लिए समझौता भी कर रखा है, जिनके नाम और पते इस सिल्वर कार्ड में लिखे होते हैं और आवश्यकता पड़ जाने पर बुजुर्ग इनसे मदद मांग सकते हैं।

वॉट्स एप से भी की जाती है मदद 

शहर के एएसपी प्रशांत चौबे के अनुसार, इंदौर की पुलिस के संपर्क में फिलहाल 19 हजार वृद्ध है। 30 अधिकारियों की एक टीम हर हफ्ते सुरक्षा के मद्देनज़र बुजुर्गों से संपर्क करती है। इस व्यवस्था से आसपास के कई बुजुर्गों को मैसेजिंग ऐप वाॅट्स एप के ग्रुप पर भी जोड़ा गया है। सभी बुजुर्गों को आपात स्थिति के लिए एक नंबर भी दिया गया है, जिसके माध्यम से तुरंत सुरक्षा मुहैया करवाई जाती है। सुरक्षा के इतर ये सिल्वर कार्ड पर बुजुर्गों को बसों, एयरलाइंस, हॉस्पिटल्स, पैथाेलॉजी लैब में भी प्राथमिकता मिलती है और विशेष छूट भी दी जाती हैं। बताय जा रहा है की दूसरे प्रदेशों की पुलिस भी अब इंदौर पुलिस के इस सीनियर सिटीजन कार्ड सिस्टम को अपनाना चाह रही है आैर अपने क्षेत्र के बुजुर्गों को मदद देने की सोच रही है।

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