क्या राम के नाम पर पश्चिम बंगाल को जलाना चाहती है ममता बनर्जी?

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब पश्चिम बंगाल में हिन्दू संगठनों और पुलिस के बीच झड़प हुई हो, लेकिन सोचने वाली बात यह है कि ऐसा क्यों होता है जब कोई हिन्दू त्यौहार वहां मनाया जाता है तो हिंसा की आग जरूर उठती है|

हाल ही में रामनवमी का त्यौहार पुरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया परन्तु जब यही त्यौहार पश्चिम बंगाल में मनाया गया तो पिछले 2 दिनों से प्रदेश में सिर्फ और सिर्फ आग, हिंसा और बम के धमाकों से जख्मी और मरते हुए लोग ही नजर आ रहे है|

इसे पुरे वाकिये पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि "क्या भगवान राम ने किसी से हथियारों व तलवार के साथ रैली करने को कहा था? क्या हम राज्य प्रशासन और कानून-व्यवस्था को इन गुंडों के हाथों में छोड़ सकते हैं, कौन राम को बदनाम कर रहा है? मैं पुलिस महानिदेशक (डीजी) व सभी पुलिस अधीक्षकों को इस तरह की रैली आयोजित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दे रही हूं. किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए."

दरअसल, हिन्दू संगठनों पर रामनवमी की रैली में शास्त्र प्रदर्शन का आरोप लगा है| इस वाकिये पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि “उन्हें रामनवमी जुलूस में हथियार लेकर चलने पर किसी प्रतिबंध के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि रामनवमी के दिन ‘शस्त्र पूजा’ करना वर्षों पुरानी हिंदू परंपरा है.”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह कहना कि "क्या भगवान राम ने किसी से हथियारों व तलवार के साथ रैली करने को कहा था? क्या हम राज्य प्रशासन और कानून-व्यवस्था को इन गुंडों के हाथों में छोड़ सकते हैं, कौन राम को बदनाम कर रहा है? तो सोचने वाली बात यह है कि क्या केवल हिन्दू त्योहारों के समय ही वो इतने सख्त नियम और कार्यवाही क्यों करती है?

इस हिंसा से जुडी कुछ तस्वीरें ट्विटर पर बहुत वायरल हो रही जिन्हे हम आपसे साझा कर रहे है, लेकिन यह पूर्ण रूप से सत्यापित नहीं है कि यह सभी तस्वीरें पश्चिम बगल में जारी हिंसा की ही है|

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