गर्मियों में भीड़ भाड़ वाले शिमला, मनाली के बजाये यहाँ मिलेगा आपकी रूह को सुकून

5 years ago
गर्मियों में भीड़ भाड़ वाले शिमला, मनाली के बजाये यहाँ मिलेगा आपकी रूह को सुकून

गर्मियां शुरू होते ही हम छुट्टियों की प्लानिंग करने लगते हैं और इस प्लानिंग के दौरान सबसे पहले हमारा दिल शिमला, मनाली और नैनीताल पर ही आता है। इन पर्यटन स्थलों पर बढ़ती पर्यटकों की संख्या के कारण अब वहां उतनी शांति नहीं है, जितनी पहले हुआ करती थी, लेकिन इनके आसपास अभी भी कई ऐसे स्थान हैं, जो वास्तविक रूप से हिल स्टेशन हैं और अपनी शांति से हमारे रूह को सुकून पहुंचाते हैं।

तो आज हम आपको बताएंगे उन छुपे हुए खजानों के बारे में जो अक्सर शिमला, मनाली, नैनीताल और मसूरी के प्रसिद्धि की चकाधौंक में अनछुए रह जाते हैं। जानिए Best Summer Holiday Destinations.

बड़ोग

दिल्ली से करीब 293 किलोमीटर दूर समुद्र सतह से 6000 फुट की ऊँचाई पर स्थित बड़ोग हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत गाँव है। कालका-शिमला रेलखंड पर बरोग स्टेशन शिवालिक पहाड़ियों से घिरा एक खूबसूरत स्टेशन है।

चारों ओर से चीड़-देवदार के पेड़ों से घिरे बड़ोग की खूबसूरती और शांति रूह को सुकून पहुंचाती है। बड़ोग की 'चूर चाँदनी चोटी' यहाँ का मुख्य आकर्षण है।

बरोग का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प है। इस स्थान का नाम एक इंजीनियर बड़ोग के नाम पर पड़ा, जिसने पहाड़ में से एक बड़ी सुरंग बनाने की योजना बनाई थी। सुरंग का निर्माण जल्दी पूरा करने के लिये इंजीनियर ने पहाड़ के दोनों ओर से खुदाई करने का आदेश दिया। हालांकि बाद में यह पता चला कि उसकी गणना गलत होने के कारण टनल के दोनों सिरे आपस में नहीं मिले। शर्मिंदगी के कारण उसने आत्महत्या कर ली। उस इंजीनियर बड़ोग का शव सुरंग के पास ही दफनाया गया और बाद में उसके नाम पर ही गाँव का नाम भी 'बड़ोग' रखा दिया गया।

चंडीगढ़ और शिमला एयरपोर्ट बड़ोग का निकटतम एयरपोर्ट है। चंडीगढ़, शिमला, सोलन, कसौली से बस द्वारा भी बड़ोग पहुँचाना आसान है। तो उठाइये अपना बैग और निकल चलिए बड़ोग की वादियों में शांति और सुकून की तलाश में।

लैंसडाउन

दिल्ली से लैंसडाउन करीब 270 किमी की दूरी पर उत्तराखण्ड के पौडी जिले में स्थित एक सुन्दर हिल स्टेशन है, जहाँ गढ़वाल रेजीमेंट नामक भारतीय सेना का सैन्य-दल स्थित है। यह समुद्री तट से 1706 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

ऊँचाई पर स्थित है। 1887 में, भारत के वायसरॉय रहे लैंसडाउन ने इस हिल स्टेशन की खोज की और उन्ही के नाम पर इस हिल स्टेशन का नाम लैंसडाउन पड़ा।

यदि आप मन को सुकून देने वाले एक ऐसे स्थान की तलाश में हैं, जहां आप देवदार के पत्तों की सनसनाहट को महसूस कर सकें, छोटे से टी-स्टाल पर चाय की चुस्की लेते हुए मैगी खाने का आनंद ले सकें और खो जाने का डर छोड़कर शांति से लंबी दूरी तक देवदार के साए में पैदल चलकर पुराने बंगलों को देखना चाहें तो वह स्थान लैंसडाउन आपके लिए परफेक्ट जगह है।

यहाँ घूमने वाली जगहें है वॉर मेमोरियल और टिप-इन-टॉप प्वाइंट, भुल्ला तल लेक।

सड़क मार्ग से लैंसडाउन आसानी से पहुँचा जा सकता है। यह कई शहरों से जुड़ा हुआ है। निजी और सरकारी बसें कोटद्वार तक जाती हैं, जहाँ से लैंसडाउन करीब 40 किमी की दूरी पर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार स्टेशन है। वहाँ से फिर टैक्सी या सरकारी बस आदि से लैंसडाउन पहुँचा जा सकता है।

तो चले आइये इन गर्मियों से निजात पाने लैंसडाउन।

मुनस्यारी

प्राकृतिक सुन्दरता से भरी देवभूमि उत्तराखंड का छिपा हुआ नगीना है मुनस्यारी। मुनस्यारी में पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा दोनों जगहों से पहुंचा जा सकता है।

Source = Wanderkart

मुंसियारी में सबसे प्रसिद्द जगह है ‘खलिया टॉप’ जो पर्यटकों में बेहद लोकप्रिय है । खलिया टॉप से हिमालय श्रेणी में स्थित पंचचूली, त्रिशूल तथा नंदा देवी पर्वतों की हिमाच्छादित चोटियों के मनोहारी और सुकून दायक दर्शन होते है। इस दौरान ऐसा लगता है मानो हम अपनी हाथ को आगे बढ़ा के इन चोटियों को छू लें । मिलम ग्लेशियर और रालम ग्लेसियर का प्रवेश द्वार भी यही मुनस्यारी है ।

Source = Spiderimg

मुनस्यारी पहुँचने के लिए काठगोदाम सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है । काठगोदाम रेलवे स्टेशन से मुनस्यारी की दूरी लगभग 295 किलोमीटर है और नैनीताल से 265 किलोमीटर है । काठगोदाम से मुनस्यारी बस और टैक्सी द्वारा पहुंचा जा सकता है ।

नारकंडा

हिमाचल की खूबसूरती ऐसी है कि अगर बैठ कर उसे निहारते रहें तो वक़्त कम पड़ जाए । इसी हिमाचल में एक छोटा सा जन्नत है जिसके बारे में बहुत कम बातें की जाती है । भारत-तिब्बत रोड पर 2708 मीटर की उंचाई पर शिमला से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर है नारकंडा ।

Source = Hillstravels

हाटु पीक, नारकंडा का सबसे लोकप्रिय पीक है। 3300 मीटर की ऊंचाई पर हाटु पीक हिमालय के विहंगम दृश्य के दर्शन कराता है जिसमें इसकी बर्फ से ढकी चोटियाँ आँखों को ढंडक पहुंचाती है ।

Source = Boostthyself

नारकंडा पहुँचने क लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा है शिमला । शिमला से टैक्सी या फिर बस के जरिये आराम से नारकंडा तक पहुंचा जा सकता है । तो इन गर्मियों में आइये और नारकंडा के तिलिस्म में खो जाइए ।

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