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इस वक्त देश में ट्रिपल तलाक को लेकर बहुत बड़ा विवा
इस वक्त देश में ट्रिपल तलाक को लेकर बहुत बड़ा विवाद चल रहा है। कुछ लोग इसे जड़ से खत्म करना चाहते है तो कुछ लोग धर्म का नाम देकर इसके विरोध में है। कुछ ही दिनों पहले की बात है कि के एक मुस्लिम महिला ने तीन तलाक को बंद करने के विषय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। उस महिला का कहना था कि बेटी को जन्म देने के कारण उसके ससुराल वाले उसे एबॉर्शन करने के लिए कह रहे है।
जब उसने एबॉर्शन करने से इंकार कर दिया तो उसे तीन बार तलाक कहकर घर से निकाल दिया गया। अभी तो यह मामला थमा भी नहीं था कि एक और नया मामला सामने आकर खड़ा हो गया है।
After harassing me since marriage,my husband gave me talaq on phone. I hope CM gives me justice:Sabreen at UP CM's Janta Darbar #TripleTalaq pic.twitter.com/eaTuukW7sQ
— ANI UP (@ANINewsUP) April 3, 2017
सोमवार के दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में एक मुस्लिम महिला पहुंची। उसने मुख्यमंत्री से न्याय माँगा, साथ ही ट्रिपल तलाक को खत्म करने की अपील भी की।
योगी के जनता दरबार में पहुंची पीड़ित मुस्लिम महिला का नाम सबरीन है। सबरीन ने कहा कि शादी के बाद से उसका पति उसका उत्पीड़न करता आ रहा है और बाद में उसके पति ने उसे फोन पर ही तलाक दे दिया।
सबरीन ने यह भी कहा मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जी मुझे न्याय दिलाएंगे, क्योंकि जनता दरबार में सीएम योगी लोगों की समस्याओं को सुनते है और उनकी परेशानियों का समाधान भी निकालते है।
सबरीन अपनी बच्ची को भी अपने साथ लेकर आई थी। योगी से मुलाकात के बाद सबरीन ने मीडिया वालो को बताया की लड़की को जन्म देने के बाद से ससुराल वाले उसे परेशान कर रहे है। उन्होंने सहरीन के घरवालों से 20 लाख रुपये की डिमांड की है।
सबरीन ने कहा कि उसके पतिै ने उसे फोन पर तलाक दे दिया है, जिसके चलते उसका और उसकी बच्ची का भविष्य अंधकार में चला गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह की परंपराओं की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई 5 जजों की संविधान पीठ सौंप दी है। 11 मई के दिन इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी। प्रधान न्यायाधीश जे. एस खेहर और न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि गर्मिर्यों की छुट्टियों में एक संविधान पीठ मामले में सुनवाई करेगी।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि मुस्लिमो में चल रही इन परंपराओं पर सोचा नहीं जा सकता क्योंकि यह फैसला लेना न्यायपालिका के दायरे के बाहर का हैं। इसके अलावा बोर्ड ने यह भी कहा था कि पवित्र कुरान और इस पर आधारित स्रोतों पर मूल रूप से स्थापित मुस्लिम विधि की वैधता संविधान के कुछ खास प्रावधानों पर जांचे नहीं जा सकते।
कुछ दिन पहले लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय योग महोत्सव के दौरान योग गुरु बाबा रामदेव ने भी ट्रिपल तलाक का विरोध करते हुए, मुस्लिम महिलाओं का समर्थन किया था।
बाबा रामदेव के मुताबित जो लोग तीन तलाक को सही साबित करने के लिए कुरआन शरीफ का हवाला दे रहे हैं। वे दरअसल इस्लाम और कुरान का अपमान कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यकीन है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में उत्तर प्रदेश तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ेगा।
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