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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर समय देश के विकास कार्य में जुटे हुए है। उनके मुताबित सबके साथ से ही देश का विकास संभव है। वे चाहते है कि हमारे देश के साथ आस-पास के देशों का भी विकास हो और यही बात उन्होंने अपने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में भी कही है। मोदी जी का कहना है कि;
''भारत ने हमेशा 'सबका साथ-सबका विकास' के मंत्र को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास किया है। जब हम सबका साथ-सबका विकास की बात करते हैं तो वो सिर्फ भारत के अंदर के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक परिवेश और खासकर हमारे अड़ोस-पड़ोस के देशों के लिए भी है।''
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, ''पांच मई को भारत दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा। इस उपग्रह की क्षमता तथा इससे जुड़ी सुविधाएं दक्षिण एशिया की आर्थिक और विकासात्मक प्राथमिकताओं को पूरा करने में काफी मदद करेगा। यह हमारे पूरे क्षेत्र के आगे बढ़ने में मददगार होगा।''
''विश्व आज जिन समस्याओं से गुजर रहा है उनको देखते हुए बुद्ध के विचार प्रासंगिक लगते हैं। भारत में अशोक का जीवन युद्ध से बुद्ध की यात्रा का उत्तम प्रतीक हैं।''
“एक तरफ माओवाद से प्रेरित विचार था कि दुनिया के मजदूर एक हो जाओ और दत्तोपंत ठेंगड़ी कहते थे कि मजदूरों दुनिया को एक करो। आज श्रमिकों की बात करता हूं तो दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को याद करना बहुत स्वाभाविक है।'
मोदी ने मन की बात कार्यक्रम (4.1-9) में कहा "नौजवान दोस्तों, कुछ बातें मैं आपके साथ भी करना चाहता हूं। मुझे कभी-कभी चिंता होती है कि हमारी युवा पीढ़ी में कई लोगों को कंफर्ट जोन में जीने में मजा आता है। मां-बाप भी एक रक्षात्मक अवस्था में ही उनका लालन-पालन करते हैं। कुछ लोग अलग होते हैं, लेकिन ज्यादतार कंफर्ट जोन वाले नजर आते हैं।’’
‘‘मैं जानता हूं कि गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही हैं और आप लोगों ने घूमने की योजनाएं बना ली होंगी। ऐसे में मैं आपको तीन सुझाव देता हूं जिन पर आप अमल कर सकते हैं। चाहें तो किसी एक सुझाव पर अमल करके देखिए। मेरे सुझाव हैं कि छुट्टियों में आप नए स्थान, नए अनुभव और नए कौशल का प्रयास करिए।’’
‘‘मुझे इस बात की चिंता हो रही है कि प्रौद्योगिकी दूरियां खत्म करने के लिए आई, लेकिन देखा जा रहा है कि एक ही कमरे में घर के छह लोग बैठे हैं और दूरियां इतनी हैं कि कल्पना नहीं की जा सकती। इतनी दूरियां क्यों हैं? सामूहिकता एक संस्कार है और सामूहिकता एक शक्ति है।’’
Do something different during the summer...says PM @narendramodi to youngsters. #MannKiBaat pic.twitter.com/CmnN1tj7ZI
— PMO India (@PMOIndia) 1 May 2017
‘‘यह स्पर्धा का युग है। आप परीक्षाओं में इतने डूबे रहते हैं। अच्छा से अच्छा अंक हासिल करने के प्रयास में लगे रहते हैं। कभी-कभी डर लगता है कि हमारी युवा पीढ़ी रोबोट तो नहीं हो रही है और मशीन की तरह जिंदगी तो नहीं गुजार रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दोस्तों, जीवन में बहुत कुछ बनने का सपना देखना अच्छी बात है।लेकिन यह भी देखिए कि आपके भीतर का मानवीय पहलू कुंठित तो नहीं हो रहा। हम मानवीय गुणों से दूर तो नहीं जा रहे हैं। कौशल विकास में इस पहलू पर थोड़ा बल दिया जा सकता है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं से कहा कि वे सरकार के ‘भारत इंटरफेस फॉर मनी’ (भीम) ऐप के इस्तेमाल करे। इसके साथ ही वे दूसरों को भी इसे इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करे। जब आप के रेफर करने पर कोई व्यक्ति ट्रांसेक्शन करता है तो इससे आपके खाते में 10 रूपए आ जायेंगे और ऐसे जितने ही व्यक्ति को आप रिफर करेंगे आपको सभी पर रूपए मिलते जायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना 14 अक्तूबर तक लागू रहेगी और इससे युवाओं को वित्तीय फायदा भी होगा।
प्रधानमंत्री ने बताया की "नयी पीढ़ी नकद से करीब-करीब मुक्त हो रही है, उसको नकद की जरूरत नहीं है। वो डिजिटल मुद्रा में विश्वास करने लग गई है।’
"देश में वीआईपी कल्चर के खिलाफ लोगों में नफरत है। फिर भी यह संस्कृति बहुत गहराई तक घर कर गई है। लालबत्ती तो गाड़ियों पर लगी होती है, लेकिन लाल बत्ती कुछ लोगों के दिमाग में बैठ गई थी।"
उन्होंने आगे कहा; "सरकार द्वारा लाल बत्ती कल्चर को खत्म कर दिया गया, लेकिन कोई यह दावा नहीं कर सकता कि लाल बत्ती की सोच चली गई।अब दिमाग से भी लालबत्ती कल्चर को खत्म करने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा, ‘न्यू इंडिया का सिद्धांत यह है कि वीआईपी की जगह ईपीआई को प्राथमिकता दी जाए। ईपीआई का मतलब ‘एवरी इंडियन इज इंपॉरटेंट’ है। हर भारतीय महत्वपूर्ण है। हर भारतीय का मूल्य और महत्व है।
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