v
सेना का काम सिर्फ देश की रक्षा करना होता है। इस बा...
सेना का काम सिर्फ देश की रक्षा करना होता है। इस बात को गलत सिद्ध किया है हमारी भारतीय सेना ने। दरअसल, कश्मीर में जो सेना है वह केवल आम जनजीवन की सुरक्षा और सीमा की सुरक्षा ही नहीं कर रही है। बल्कि साथ ही वो वहां के युवाओ की जिंदगी भी सुधार रही है।
इसका एक ताजा उदहारण हाल ही में देखने को मिला है। जब कश्मीर की 9 लड़कियों ने Joint Entrance Examination (JEE) Advanced पास कर ऑल इंडिया रैंकिंग में अपना स्थान बना लिया है। जिसका श्रेय कश्मीर में तैनात सैनिकों को जाता है क्योंकि उन्होंने सुपर-40 कोचिंग की शुरुआत की और बच्चो को IIT-JEE जैसी परीक्षाओं की तैयारियां करवाई।
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि कश्मीर Super-40 ने पिछले वर्षों के रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं। इस साल 9 लड़कियों ने IIT-JEE में जगह बनाई है। पिछले साल कुछ 28 छात्रों ने इसमें सफलता हासिल की थी, जिसमें सिर्फ 2 लड़कियां थीं। इस साल 40 बच्चों ने सफलता हासिल की है, जिसमें 9 लड़कियां हैं।
दिल्ली में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से कश्मीर घाटी के सफल हुए होनहार 40 छात्रों ने मुलाकात की। जहाँ पर बिपिन रावत ने उन सभी छात्रों को उनके उज्वल भविष्य के लिए बधाइयाँ दी और उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कश्मीर में पत्थर बजी के माहौल में भी इन 40 युवाओं ने सफलता पाकर एक मिशाल कायम की है। छात्रों ने अपनी इस उपलब्धि के लिएआर्मी को धन्यवाद भी दिया।
आर्मी चीफ बिपिन रावत (5.4-1) ने छात्रों के आत्मबल और साहस की प्रसंशा की और उन्हें सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा है कि वो कश्मीर के युवाओं को राष्ट्रहित में योगदान देने के लिए प्रेरित करें। आर्मी चीफ ने कश्मीर के युवाओं को विश्वास दिलाया है कि वह उनके सपनों को पूरा करने का प्रयत्न करेंगे और उनके उज्जवल भविष्य के लिए मदद भी करेंगे। सेना प्रमुख ने इन छात्रों से यह भी कहा कि जब वे कुछ बन जाएं तो कहीं बाहर न जाएं, वापस कश्मीर जाएं और उसे बेहतर बनाने में अपना योगदान दें।
‘Kashmir Super-40’ कोचिंग प्रोग्राम साल 2013 से आर्मी और Centre for Social Responsibility and Learning (CSRL) और Petronet LNG Ltd (PLL) के सहभागिता से चलाया जा रहा है।
यह कोचिंग सेंटर सेना ने इंजीनिरिंग के लिए 2013 में शुरू किया था। इस सेंटर का यह चौथा बैच है। जिसमें छात्र आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित है लेकिन वो मेधावी छात्र है तो उनको पूरा सहयोग दिया जाता है। इस प्रोसेस में 40 छात्रों का चयन किया जाता है। जिन्हें 11 महीने तक रहने, खाने और पढ़ने की नि:शुल्क सुविधा दी जाती है। साल 2018 से इस संख्या को 40 से बढ़ाकर 50 कर दिया जायेगा।
जबसे योगी आदित्यनाथ कि
7 years ago
Still Unfold
आपने हमेशा सोनू निगम को अपनी आवाज को लेकर चर्चा म
7 years ago
Still Unfold
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की...
6 years ago
Still Unfold