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सक्मा नक्सली हमले में शहीद हुए CRPF जवानों का बदला
सक्मा नक्सली हमले में शहीद हुए CRPF जवानों का बदला लेते हुए, सेना ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार से मंगलवार तक नक्सल रोधी अभियान चलाया और इस अभियान के तहत 20 नक्सलियों के मारे जाने की सम्भावना जताई जा रही है। सेना अधिकारियों के मुताबिक कोबरा बटालियन ने 13-14 मई की रात सुकमा और बीजापुर में ऑपरेशन चलाकर 15 से 20 नक्सलियों को ढेर कर दिया।
यह जानकारी सीआरपीएफ के आईजी विवेकानंद सिन्हा द्वारा दी गई है। उन्होंने बताया कि बीजापुर जिले के बासागुड़ा थाना क्षेत्र के रायगुंडम के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच कई बार मुठभेड़ हुई। इसमें हमारे सुरक्षा बलों ने 15 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा है। इस मुठभेड़ के चलते सुरक्षा बल का एक जवान शहीद हो गया और दो जवान घायल हुए है।
इस ऑपरेशन को लेकर एक वीडियो भी जारी किया गया है। इसे उस ऑपरेशन के दौरान फिल्माया गया, जो सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने नक्सलियों के खिलाफ छेड़ा है। इस वीडियो में कोबरा के जवान जंगलों में पोजीशन लेकर फायरिंग करते हुए दिखाई दे रहे है। सीआरपीएफ ने नक्सलियों को मार गिराया है। यहाँ तक की फायरिंग की आवाज भी साफ-साफ सुनाई दे रही है।
आईजी ने बताया कि नक्सलियों के मारे जाने का अंदाजा गिरे खून और लाशों को घसीटे जाने के साक्ष्यों के आधार पर लगाया है। इस ऑपरेशन के तहत जो जवान घायल हुए है उनका रायपुर में इलाज चल रहा है और शहीद जवान के शव को पूरे सम्मान सहित उनके गृहग्राम रवाना किया गया है।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक केएल ध्रुव ने बताया की सुरक्षा बलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि रायगुंडम के जंगलों में 100-150 की संख्या में नक्सली सक्रिय हैं। इसके लिए तीन दिनों से इलाके में अभियान चलाया जा रहा था। अभियान में सीआरपीएफ, डीआरजी, जिला पुलिस बल और कोबला बटालियन के जवान शामिल थे।
उन्होंने यह भी बताया कि मुठभेड़ के दौरान नक्सली अपने साथियों के शव साथ ले गए और यह पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी जब मुठभेड़ हुई है नक्सली साथियों के शव को लेकर जंगलों में भाग गए थे।
सीआरपीएफ (3.1-9) के आईजी ने बताया कि नक्सलियों के इस ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले खास ड्रिल करवाई गई है। उन्हें इस बात को लेकर सचेत किया गया था कि वे घिर गए नक्सलियों को नहीं मारेंगे बल्कि समर्पण करने के लिए कहेंगे। यदि नक्सली ना माने तो ही मुठभेड़ जारी रहेगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पहली बार वायु सेना के हेलिकॉप्टर एमआई 17 की सेवा जंगल में जवानों तक रसद पहुंचाने और घायलों को ले जाने के लिए ली गई।
रेडियो इंटरसेप्शन की प्रक्रिया से खुफिया एजेंसियां अहम जानकारियां जुटाती हैं। इसमें फ्रिक्वेंसी में एनक्रिप्शन कर सामने वाले की बात सुनना, कई सिग्नल को डी-कोड कर मैसेज प्राप्त करने जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियां इंटरसेप्शन की उच्च तकनीक का इस्तेमाल करती हैं।
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