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मेरठ नगर निगम में 'वंदे मातरम' गाने को लेकर हुआ वि
मेरठ नगर निगम में 'वंदे मातरम' गाने को लेकर हुआ विवाद तो जैसे बढ़ते ही जा रहा है और थमने का नाम नहीं ले रहा। आपको बता दे कि मेरठ नगर निगम में बोर्ड के मुस्लिम सदस्य शुरुवात से ही वंदे मातरम गाने को अस्वीकार करते रहे है।
यह बात काफी लंबे समय से देखने को मिल रही है कि जब भी मेरठ नगर निगम में वंदे मातरम गाया जाता रहा है, उस वक्त जो लोग इसे नहीं गाना चाहते थे उन्हें उस वक्त हॉल से बाहर जाने की छूट थी। वे लोग इसके खत्म होने के बाद दोबारा अंदर आते थे। उन लोगो का यह कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी यही फैसला दिया है।
जब इस मंगलवार को भी मेरठ नगर निगम में वंदे मातरम गाया जा रहा था तो इस वक्त कुछ मुस्लिम सदस्य कमरे से बाहर जाने लगे और इस वजह से विरोध शुरु हो गया। उन मुस्लिमो से बीजेपी के सदस्यों ने कहा कि यदि हिंदुस्तान में रहना चाहते है तो वंदे मातरम गाना होगा।
मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने इस बात पर ध्वनि मत से रेजलूशल पास किया और इसके अनुसार राष्ट्र गान को गाना अनिवार्य होगा। लेकिन इस रेजलूशन को लागू करने के लिए अभी सरकार की मंजूरी भी मिलना चाहिए।
हरिकांत अहलूवालिया ने बीबीसी से कहा, "मेरे सामने प्रस्ताव आया कि कुछ लोग राष्ट्रगीत गाते समय बाहर चले जाते हैं और फिर आकर बैठ जाते हैं, इससे राष्ट्रगीत का अपमान होता है. ऐसा करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो."
उन्होंने आगे कहा, "प्रस्ताव लाने वाले और उनका समर्थन करने वाले बहुमत में हैं. मैं सदन का अध्यक्ष हूं और बहुमत का सम्मान करना मेरा कर्तव्य है."
मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने इस बात पर ध्वनि मत से रेजलूशल पास किया और इसके अनुसार राष्ट्र गान को गाना अनिवार्य होगा। लेकिन इस रेजलूशन को लागू करने के लिए अभी सरकार की मंजूरी भी मिलना चाहिए।
हरिकांत अहलूवालिया ने बीबीसी से कहा, "मेरे सामने प्रस्ताव आया कि कुछ लोग राष्ट्रगीत गाते समय बाहर चले जाते हैं और फिर आकर बैठ जाते हैं, इससे राष्ट्रगीत का अपमान होता है. ऐसा करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो."
उन्होंने आगे कहा, "प्रस्ताव लाने वाले और उनका समर्थन करने वाले बहुमत में हैं. मैं सदन का अध्यक्ष हूं और बहुमत का सम्मान करना मेरा कर्तव्य है."
कुछ मुस्लिम पार्षदों का कहना है कि सदन का कार्यकाल महज़ कुछ ही दिनों में ख़त्म होने वाला है। लेकिन बीजेपी के लोग जानबूझकर इस मुद्दे को बढ़ा रहे है। अब्बासी ने कहा कि जब से यूपी में बीजेपी की सरकार बनी है, तभी से इस मुद्दे को ज्यादा उठाया जा रहा है।
दरअसल, नगर निगम की बोर्ड बैठक से पहले राष्ट्रगीत गाने की परंपरा काफी दिनों से है। इस दौरान बहुत से मुस्लिम पार्षद वहां मौजूद नहीं रहते और इसके बाद आकर सदन में बैठते हैं। लेकिन अभी तक इस पर वहां कोई विवाद नहीं हुआ था।
मेरठ नगर निगम के मुस्लिम पार्षद तहसीन अंसारी का कहना है कि मैं भी मुस्लिम हूं और हमारा धर्म ये नहीं कहता कि वंदे मातरम् गाना गलत है। मैं भी वंदे मातरम् गाता हू और मुझे इसका कोई नुकसान नहीं दिखता।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि इसे गाने से किसी को परेशानी है तो वह इस दौरान चुप रहकर देश को सम्मान दे सकते हैं। परंतु मेरठ नगर निगम में वन्दे मातरम गाने को लेकर शुरू हुआ विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है।
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