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कल बुधवार को
कल बुधवार को नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक करने के बाद, हरिद्वार में बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ स्थित पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट का उद्धाटन किया। मोदी जी ने कहा कि यह समग्र स्वास्थ्य देखभाल की ओर एक बड़ा कदम है।
संस्थान का उद्घाटन करने के पश्चात मोदी जी ने कहा कि, “यदि आयुर्वेदिक दवाओं की आधुनिक तरीकों से पैकेजिंग हो तो दुनिया उन्हें तुरंत स्वीकार कर लेगी। मैं समझता हूं कि क्लीनिकल परीक्षण और आयुर्वेदिक दवाओं की पैकेजिंग के लिए आधुनिकतम प्रयोगशाला से लैस उच्च तकनीक वाले शोध संस्थान की स्थापना कर उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है”
मोदी जी ने देश की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर आज तक ज्यादा काम ना किये जाने को लेकर अफसोस भी जताया। उन्होंने योग गुरु को इस तरह के संस्थान की स्थापना करने और हर घर में लोगो को योग करने को लेकर प्रेरित करने को लेकर बधाई दी।
बाबा रामदेव द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया गया। बाबा रामदेव ने देश को स्वच्छ, मजबूत और एकजुट बनाने के लिए मोदी जी को राष्ट्रऋषि की उपाधि भी दी। पीएम मोदी ने विनम्रता से सम्मान को ग्रहण किया और कहा कि बाबा ने मुझे विशेष सम्मान देकर सरप्राइज कर दिया।
मोदी ने कहा; “मुझे पता नहीं था बाबा ने सरप्राइज दे दिया। बड़ी भावुकता के साथ मुझे विशेष सम्मान से आभूषित किया और अलंकृत किया। मैं बाबा और पूरे पतंजलि परिवार का आभार व्यक्त करता हूं। मैं भलीभांति समझता हूं कि जब आपको सम्मान मिलता है तो उसका मतलब होता है कि आप से ये-ये प्रकार की उम्मीदें है और इसको पूरा करो। एक प्रकार से मेरे सामने, मुझे क्या करना चाहिए और कैसे करना चाहे इसका Do and Don't का दस्तावेज गुरुजी (रामदेव) ने रख दिया है।”
Till @narendramodi is the PM, our nation can never fall: @yogrishiramdev pic.twitter.com/pWFQLotHpc
— Swami Ramdev (@yogrishiramdev) 3 May 2017
पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट (5.1-4) के उद्धाटन के अवसर पर एक विज्ञापन भी जारी किया गया था। इसमें मोदी जी को भगवान का वरदान बताया गया है। इस विज्ञापन में लिखा है कि;
“राष्ट्र के गौरव जिनमें भारत के सवा सौ करोड़ भारतीय अपने स्वर्णिम भविष्य का सपना देखते हैं, जो दिव्य और भव्य भारत बनाने में अखंड-प्रचंड पुरुषार्थ कर रहे हैं। इस राष्ट्र को ऋषि के रूप में भगवान के एक वरदान मिले हैं।”
टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक 200 करोड़ की लागत से बना यह 5 मंजिला इंस्टिट्यूट 10 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें एक बेसमेंट भी बनाया गया है, जिसमें बीमार जानवरों को रखा जाएगा। कहा जा रहा है कि दुनिया भर में आयुर्वेदिक दवाओं को मान्यता दिलाने की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
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