13 अंकों के हो जायेंगे आपके फोन नंबर, जाने इसके पीछे का कारण

मोबाइल आज इंसान की एक मूलभूत जरुरत बन गई है। दिन व दिन मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या में भी वृद्धि होती जा रही है।  भारत दुनिया की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देशों में से एक है। भारत में चीन के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या रहती है। इस जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा मोबाइल का उपयोग करता है, और धीरे धीरे मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ हीं रही है। इसे देखते हुए पहले से 10 अंकों वाले मोबाइल नंबर अब नए उपभोक्ताओं के लिए ना-काफी साबित हो रहे हैं, इसीलिए सरकार ने अब 13 अंकों वाली मोबाइल नंबर सीरिज़ लाने का निर्णय लिया है। 

जुलाई महीने में या उसके बाद अगर आप कोई नया सिम कार्ड लेंगे तो आपका मोबाइल नंबर 10 अंकों के बजाय 13 अंकों का होगा। भारत सरकार के टेलीकॉम मिनिस्ट्री ने इससे जुड़े निर्देश देश के सभी राज्यों को जारी करवा दिए हैं, ये फैसला 1 जुलाई से पूरे देश में लागू कर दिया जायेगा । सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने सरकार के इस निर्देश के बाबत अपनी तैयारियों की शुरुआत कर दी है। 

ख़बरों के मुताबिक़ कुछ दिनों पहले इसी विषय पर राजधानी दिल्ली में बैठक हुई और ये निर्णय ले लिया गया। बैठक में हुई चर्चा के अनुसार अब 10 अंकों की सीरिज़ में नए मोबाइल नंबरों के लिए ज्यादा संख्या नहीं बची है। इसी वजह से अब समय आ गया है की हमें ज्यादा अंकों की सीरिज़ की शुरुआत कर देनी चाहिए, जिससे नए उपभोक्ताओं को जल्द नंबर उपलब्ध हो पाए। और आखिर कार ये निर्णय ले लिया गया की अब 10 अंकों के बजाय 13 अंकों की सीरिज़ में नंबर उपलब्ध करवाए जाएंगे। 

इससे जुड़ी जानकारियाँ दूरसंचार सेवा प्रदान करने वाली बाकी सभी कंपनियों को भी दे दी गई है तथा उन्हें इसे लागू करने का आदेश देते हुए कहा गया है की तय समय तक अपने सिस्टम में सभी ज़रुरी बदलाव कर लें। इंदौर में कार्यरत बीएसएनएल के वरिष्ठ महाप्रबंधक सुरेश प्रजापति ने इस पर कहा है की इस साल के आखिर तक 10 नंबर वाले सभी पुराने कनेक्शन भी अपडेट कर दिए जाएंगे। 

ख़बरों के अनुसार वर्तमान में जारी 10 अंकों वाले फोन नंबरों में बदलाव की प्रक्रिया को अक्टूबर महीने से शुरू कर दिया जायेगा और इस पूरी प्रक्रिया को दो महीने में पूरा भी कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। इस बदलाव के लिए मोबाइल सेट बेचने वाली कंपनियों को भी तैयार रहने के लिए आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। ताकि वो पहले से ज़रुरी बदलाव के लिए तैयार रहें और अपने मोबाइल के सॉफ्टवेयर में ज़रुरी बदलाव कर लें ताकि उपभोक्ताओं को बाद में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

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