दुनिया के सातवें अजूबे में शामिल और मोहब्बत की निशानी आगरा का ताजमहल अपनी खूबसूरती को लेकर पुरे विश्व में प्रसिद्द है, लेकिन इस बार ताजमहल को लेकर एक नया विवाद गर्माता नजर आ रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया अख़बार के रिपोर्ट अनुसार, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) द्वारा सुपर मॉडल प्रतियोगिता में भाग ले रहीं कुछ विदेशी प्रतिभागियों के गले से दुपट्टा हटाने को कहा गया, क्योंकि उन्होंने हिन्दू धर्म के चिन्ह और जय श्री राम लिखा हुआ कपड़ा (दुपट्टा) पहन रखा था। उन्हें उस दुप्पटे के साथ ताजमहल में प्रवेश नहीं करने दिया और उन सुपरमॉडल्स से यह उतरवा दिया गया।
इस घटना के बाद हिन्दू जागरण मंच और भारतीय जनता युवा मोर्चा सहित कई दक्षिणपंथी संगठनों ने कहा कि इससे हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओ को आहात पंहुचा है। इस बात का विरोध करने के लिए हिन्दू जागरण मंच के सदस्यों ने कल आगरा के माल रोड स्थित भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण (एएसआई) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
नियम के अनुसार स्मारक के भीतर कुछ भी ले जाने की मनाई है। इस मामले को लेकर एएसआई और सीआईएसएफ का कहना है कि उन्होंने वही किया जो नियमों में लिखा है। एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी भुवन विक्रम ने कहा, "पत्र लिखकर सीआईएसएफ से पूरे घटनाक्रम पर जानकारी मांगी गई है"
भवन विक्रम ने बताया कि प्राचीन स्मारक और पुरातात्त्विक स्थल व अवशेष अधिनियम 1959 की धारा (8 डी) के अनुसार आमतौर पर पर्यटक इस तरह का सामान साथ नहीं ला सकते है।
सीआईएसएफ कमांडेंट बृज भूषण ने भी कहा कि एएसआई के आदेशों अनुसार संरक्षित स्मारक के भीतर किसी भी तरह के धार्मिक चिन्ह पर प्रतिबंध है। हमारा आशय किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं है।
आपको बता दे कि अलग-अलग देशों की करीब 34 मॉडल्स दिल्ली में आयोजित सुपरमॉडल इंटरनेशनल कॉन्टेस्ट में भाग लेने आई थीं। उन्होंने ताजमहल घूमने के दौरान खुद को गर्मी से बचने के लिए भगवे रंग का स्कार्फ सर पर औढ़ा था।