प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार के 3 साल पूरे हो गए है। आज से 3 वर्ष पूर्व केंद्र में उन्होंने अपनी सरकार बनाते हुए कांग्रेस जैसी बड़ी और 70 साल पुरानी पार्टी को एक जबरदस्त झटका दिया था। नरेंद्र मोदी हमेशा से प्रधान सेवक रहे है और इन 3 सालों में काफी कुछ बदला पर नरेंद्र मोदी जी का काम करने का जज्बा नहीं बदला। उन्होंने शपथ ग्रहण करते समय भी यही बात कही थी कि "मै देश का सेवक हूँ, प्रधानमंत्री नहीं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को सत्ता में रहते हुए 3 साल हो गए, लेकिन आज तक उन्होंने एक छुट्टी भी नहीं ली। उनकी मेहनत, परिश्रम और विश्व पटल पर भारत की नई तस्वीर को देखते हुए देश का हर नागरिक चाहता है कि साल 2019 में भी देश की सत्ता मोदी जी ही सम्हालें। एक सर्वे के मुताबिक उनकी पॉपुलैरिटी भी पहले की तुलना में कई गुना बड़ी है।
उनकी सफलता का एक राज तो सभी जानते है कि वो बहुत मेहनती और हार न मानने वाले इंसान है। साथ ही वो भगवान में बहुत विश्वास रखते है और यही वजह है कि वो किसी भी काम को करने से पहले अपने इष्ट शिव की पूजा करना नहीं भूलते है। देखें देवीय शक्ति और मोदी का अद्भुद कनेक्शन -
नरेंद्र मोदी जी भगवान शंकर और देवी माँ की पूजा अर्चना करते है। वे हर साल नवरात्री में 9 दिन का उपवास रखते है। यदि वे देश के काम से विदेश यात्रा कर रहे हो तो भी वे अपना उपवास नहीं छोड़ते है।
साल 2014 में लोकसभा के चुनाव के लिए मोदी जी जब वाराणसी सें चुनाव लड़ रहे थे और चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सबसे पहले शिव जी की पूजा अर्चना की थी। इसके पहले जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तब उन्होंने हिमालय की गरुड़चट्टी क्षेत्र में रहकर साधना की और भगवान केदारनाथ की यात्रा भी गए थे।
जब
नरेंद्र मोदी अगस्त 2014 में नेपाल यात्रा पर थे, तब उन्होंने वहां भगवान पशुपति नाथ
की पूजा अर्चना की और उनका रुद्राभिषेक भी किया था।
इस साल 24 फरवरी 2017 को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर मोदी जी ने कोयंबटूर में भारत की सबसे बड़ी भगवान शिव की 112 फ़ीट बनी प्रतिमा का उट्घाटन भी किया।
7 मार्च 2017 को गुजरात दौरे पर गए मोदी जी ने भगवान सोमनाथ की पूजा अर्चना की। इससे पहले पीएम बनने के बाद उन्होंने सबसे पहले सोमनाथ भगवन के ही दर्शन किये थे।
4 मार्च 2017 को उत्तरप्रदेश के अंतिम विधान सभा चुनाव में उन्होंने यहाँ पर भगवान काशी विश्वनाथ के मंदिर जाकर पूजा अर्चन की। 2014 के लोकसभा चुनाव के समय भी मोदी जी ने यहाँ पर विशेष पूजा की थी।
पीएम मोदी ने 16 अप्रैल 2017 को भुवनेश्वर के प्रसिद्ध भगवान लिंगराज की पूजा की थी। इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि देवी पार्वती ने यहाँ पर दो राक्षसों का वध किया था जिनका नाम लिट्टी व वसा था।
प्रधानमंत्री मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तब उन्होंने 01 जून 2011 को उज्जैन नगरी में बाबा महाकाल के दर्शन किये थे। यहाँ वे सुबह 8:30 बजे एयरपोर्ट पर उतरे और सीधे महाकाल मंदिर जाकर पूजा अर्चना की। यहाँ पर वो एक अनुष्ठान में भी शामिल हुए थे।
8 अप्रैल 2016 को असम विधानसभा चुनाव के दौरान, चुनावी प्रचार से पहले उन्होंने नीलाचर पर्वत पर स्थित मां कामाख्या देवी की पूजा अर्चना की थी। उसके बाद प्रचार शुरू किया था।
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मार्च 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने माँ वैष्णो देवी (6.3-4) के दर्शन का पुण्य
लाभ लिया था।
मोदी जी ने 3 जनवरी 2017 को भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर जाकर पूजा अर्चना की। मोदी जी ने वहां मंदिर के पवित्र स्वर्ण वेदिका और स्वर्ण ध्वजस्तंभ की पूजा कर करीब 20 मिनट तक मंदिर में रुके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार बाबा केदारनाथ के कपट खुलते ही सबसे पहले दर्शन किए और वैदिक मंत्रोचारण के साथ बाबा केदारनाथ का रुद्राभिषेक भी किया।